भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास वरुण 2025 का आयोजन 19 से 22 मार्च, 2025 तक किया गया था। इस अभ्यास ने भारतीय नौसेना और फ्रांसीसी नौसेना को एक साथ लाकर उनकी स्थायी साझेदारी को प्रकट किया है।
अभ्यास वरुण के इस संस्करण में बहु-ध्रुवीय वातावरण में कई कार्यक्रम शामिल थे। संरचित अभ्यास जटिल परिदृश्यों में सामरिक व परिचालन दक्षता को और बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए थे। इस दौरान फ्रांसीसी नौसेना के राफेल-एम और भारतीय नौसेना के मिग-29के की भागीदारी के साथ उन्नत वायु रक्षा अभ्यासों में यथार्थवादी युद्ध परिदृश्यों का अनुकरण करते हुए, संयुक्त रूप से हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए भाग लेने वाली इकाइयों की क्षमता को बढ़ाया गया। भारतीय पनडुब्बी va दोनों सेनाओं के पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों के बीच पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास में पानी के भीतर के क्षेत्र में जागरूकता एवं रणनीति में समझ तथा दक्षता को और गहरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। जमीनी लड़ाई संचालन में जटिल समन्वित युद्धाभ्यास और कृत्रिम मुठभेड़ कार्रवाई शामिल थीं, जो भाग लेने वाले बेड़े की संयुक्त युद्ध शक्ति का प्रदर्शन करती थीं। दोनों बेड़े के टैंकरों द्वारा समुद्र में पुनःपूर्ति अभ्यास से सैन्य अंतर-संचालन क्षमता सिद्ध हुई तथा सतत् संचालन के लिए आपसी सहयोग और सहनशीलता में वृद्धि हुई। अभ्यास के इस संस्करण में पिछले संस्करणों की तुलना में दोनों नौसेनाओं के बीच परिचालन समन्वय का उच्च स्तर प्राप्त हुआ।
इस अभ्यास ने संयुक्त कौशल को बढ़ाने के अपने उद्देश्य को प्राप्त किया और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था के सिद्धांतों को बनाए रखने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए साझा प्रतिबद्धता को मजबूत किया। जटिल अभ्यासों से अमूल्य परिचालन अनुभव प्राप्त हुआ और समकालीन समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक क्षमता मजबूत हुई। इस अभ्यास से सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का महत्वपूर्ण आदान-प्रदान संभव हुआ और एक-दूसरे के परिचालन सिद्धांतों की गहन समझ विकसित हुई तथा जटिल समुद्री वातावरण में दोनों नौसेनाओं की निर्बाध संचालन क्षमता में वृद्धि हुई। अपनी शुरुआत से ही वरुण अभ्यास भारत-फ्रांस रक्षा संबंधों की आधारशिला रहा है, जिसमें दोनों देश समुद्री सुरक्षा और सहयोगात्मक रक्षा प्रयासों के महत्व को पहचानते हैं। फ्रांस और भारत वैश्विक समुद्री मार्गों की सुरक्षा एवं साझी समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता रखते हैं।