टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड और आंध्र प्रदेश सरकार ने 7 गीगावाट तक की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें लगभग 49,000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। टीपीआरईएल के अनुसार, इस समझौते का उद्देश्य भंडारण समाधान के साथ या उसके बिना सौर, पवन और हाइब्रिड परियोजनाओं को संयुक्त रूप से विकसित करने के अवसरों का पता लगाना है। 49,000 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश इसे आंध्र प्रदेश में सबसे बड़े अक्षय ऊर्जा निवेशों में से एक बनाता है।
आंध्र प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार तथा मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश ने कहा, “निवेश और नवाचार को बढ़ावा देकर, हमारा लक्ष्य राज्य के लिए दीर्घकालिक आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ सुनिश्चित करते हुए स्वच्छ ऊर्जा की तैनाती में तेजी लाना है। हमें उम्मीद है कि हमारी ऐतिहासिक स्वच्छ ऊर्जा नीति से 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश और आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए 7.5 लाख नौकरियां पैदा होंगी।”
प्रस्तावित क्षमताएं आंध्र प्रदेश की एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति, एक ऐतिहासिक स्वच्छ ऊर्जा ढांचा है जिसका लक्ष्य राज्य में 10 लाख करोड़ रुपये की निवेश क्षमता के साथ 160 गीगावाट से अधिक अक्षय ऊर्जा विकसित करना है।